Sunday, June 21, 2020

सब लकड़ियों पर जलता रहा  मैं मगर रोया नहीं  जो बच गया उसे बहा दिया नदी में  मैं मगर रोया नहीं  तुम चले गए बेशक मगर जो जला नहीं बहा नहीं  वो बहुत कुछ भीतर छोड़ गए तुम  जब तक वो साथ है मैं रोऊँगा नहीं।   पापा मैं वादा तोडूंगा नहीं मुस्कुराने का !

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