Namaskar
a blog by o p rathore
Sunday, June 21, 2020
सब लकड़ियों पर जलता रहा मैं मगर रोया नहीं जो बच गया उसे बहा दिया नदी में मैं मगर रोया नहीं तुम चले गए बेशक मगर जो जला नहीं बहा नहीं वो बहुत कुछ भीतर छोड़ गए तुम जब तक वो साथ है मैं रोऊँगा नहीं। पापा मैं वादा तोडूंगा नहीं मुस्कुराने का !
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