Tuesday, April 8, 2025

बैल

कभी तुमने सर नहीं लगाया कंधे से मेरे

जब हम जा रहे थे मैं ड्राइव करता था

आज समझ आई वजह

तुम ढूंढ नहीं पाई प्रेमी मुझमें 

मैं पति बना रहा

बैल बना रहा गृहस्थी के हल का

जिंदगी प्रेमी को चाहती है मगर ब्याहती पति से है 

यह विसंगति जी है तुमने हमने ।

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