ज़िन्दगी के घाट पर
सभी को प्यासा देखा है
क्या हसरत होगी उस दीवाने की
जिसने प्यार ज़रा सा देखा है
रेगिस्तान में उम्मीद जिलाती है
सूखी ज़मीन में जिसने हरा सा देखा है
बहुत सांसें लिया करते हैं ज़िंदा रहने वाले
हमने उनके भीतर भी कुछ मरा सा देखा है
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