ढलता सूरज आँखों से जितना रूमानी दिखता है
उतना कभी तस्वीर में निकल के नहीं आता
तुम भीतर से सुन्दर हो या नहीं हो बस तुम्हे पता है
कुछ सच ऐसे होते हैं जिन्हे कहा नहीं जाता
उतना कभी तस्वीर में निकल के नहीं आता
तुम भीतर से सुन्दर हो या नहीं हो बस तुम्हे पता है
कुछ सच ऐसे होते हैं जिन्हे कहा नहीं जाता
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