Namaskar
a blog by o p rathore
Thursday, September 25, 2014
हकीकत की चोट से मेहफ़ूज़ सपने मेरे रहे
अंदेशों के संदेशों से खाली लिफाफे बहुत मिले
धुंध मिली खामोशियों की धुप में कुहासे बहुत मिले
खुद में खोये रहने के यारों मुनाफे बहुत मिले
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