Namaskar
a blog by o p rathore
Friday, January 4, 2013
हवाएं कितनी
सर्द हैं
धूप भी है जम गई
उँगलियों की पोर पर
एक झुरझुरी सी थम गई
भाप का धुंआ भला
मुंह खोलते ही फुर्र चला
एक हौसला है जो साथ है ...
ये सर्दियों की बात है
ये सर्दियों की बात है ...
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