Namaskar
a blog by o p rathore
Thursday, May 10, 2012
बबूल
बहुत शुक्रिया मुझे छोड़ के जाने के लिए
मैं खुद से मिलके बहुत रोया...
मेहेरबानी ठोकर के लिए ऐ दोस्त
अपने पहलू को बिछा के मैं बहुत सोया..
अच्छा किया जो छोड़ दिया तुमने मुझको
वही काटा जो मैंने बहुत बोया...
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