Wednesday, February 29, 2012

Khoj


मैं नए मोबाइल बूझता रहता हूँ
नई गाड़ी जो आये या आने कि खबर हो
उसकी समझ घोंट लेता हूँ
टॉक टाइम अलग अलग नेटवर्क पे क्या दाम मिल रहे हैं
जानता छानता रहता हूँ
बेस्ट प्लान, बेस्ट फ़ोन, tab , ipad , सब bestest
ढूँढने कि सनक पिनक में रहता हूँ
बस इतनी सी मेरी खोज है
सबकी ऐसी ही होती हैं मिलती जुलती अपनी अपनी,
मुझे समझना है सब कुछ - सब समझ के भूल जाना है,
इतनी बेमतलब सी है ज़िन्दगी
कि इन बातों से कुछ सार भर लेता हूँ
वर्ना समझता हूँ अपने भीतर मैं भी
मेरे लिए ये कुछ ख़ास काम के नहीं,
क्योंकि मेरा फ़ोन, मेरा handset, मेरा कंप्यूटर
मेरा टॉक टाइम मेरी गाडी नहीं बदलते इन्हें जानके भी
सब पता रहे और update भी होता रहे इसका अभ्यास
कराती है ज़िन्दगी...
कभी मुंह ताकती है कभी लम्बी तान के सो जाती है ज़िन्दगी.

2 comments:

Namaskar said...

This is what I keep doing

Geeta said...
This comment has been removed by the author.