Namaskar
a blog by o p rathore
Wednesday, March 7, 2018
सरकते लम्हों में कुछ है जो सरकता नहीं है
टूट जाये सब बेशक कुछ है जो दरकता नहीं है
जिस रहगुज़र से गुज़र गए तुम तन्हाई देकर
देखा तो उसके आगे कोई रस्ता नहीं है।
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