Monday, October 24, 2016

कुछ रिश्ते रखे 
कुछ रवायतें रखीं 
जो मिली थी दुआएँ 
तिजोरी में 
सजा के रखीं। ... 
पास देखा दूर नहीं
चश्मे हटा के यारियां रखीं,
नदी के उस पार भी नदी होगी
सोचा न था
हमने कहाँ नाविक से
बना के रखी

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