Saturday, September 24, 2016

बड़ी ख़ामोशी से बड़े हो जाते हैं 
फासले जब आके खड़े हो जाते हैं। 
बरसता है जब  तेरी यादों  का सावन 
तन्हाई   के  पौधे बड़े हो जाते हैं !!  

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