Namaskar
a blog by o p rathore
Friday, May 13, 2016
वो खुशियां जो मिल सकती थीं उनसे फासला बनाने के लिए तुम्हे किसने कहा था अंतर्मन से पूछो मैं भी क्या कह बैठा तुम जैसों में ये कहाँ होता है...
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