हम सब बस दिखाने को लड़ते हैं
वर्ना हम सब में प्यार बहुत है
मनाते नहीं हिन्दू ईद या क्रिसमस
पर इस दिन मिलती छुट्टी स्वीकार बहुत है
मुस्लिम ईसाई नहीं मनाते होली दिवाली
पर छुट्टी मिलती, खुशियाँ मिलती अपार बहुत हैं
राजनीति लड़ा दे तब भी लड़ते नहीं ,यूं सोचो तो
हिन्दू की हिन्दू से मुस्लिम की मुस्लिम से भी
तकरार बहुत है।
~ ओपियम
No comments:
Post a Comment