मुझे मेरे उजाले जलाते हैं
मुझे मेरा अँधेरा बचाता है।
मुझे महफ़िलों में जाले लगते हैं
मुझे हंसना किसी का डराता है।
ढूंढें न मिले ऐसा छुपा के रखा है
वो चेहरा जो हसीन नज़र आता है।
सब्र के कम्बल ओढ़ के सुखाये हैं
बेबसी को जो पसीना आता है।
कोई ग़ैर नहीं मेरे जीने में
बस यही हुनर है मुझमे
ग़म भी सगे हैं ख़ुशी से भी गहरा नाता है।
मुझे मेरा अँधेरा बचाता है।
मुझे महफ़िलों में जाले लगते हैं
मुझे हंसना किसी का डराता है।
ढूंढें न मिले ऐसा छुपा के रखा है
वो चेहरा जो हसीन नज़र आता है।
सब्र के कम्बल ओढ़ के सुखाये हैं
बेबसी को जो पसीना आता है।
कोई ग़ैर नहीं मेरे जीने में
बस यही हुनर है मुझमे
ग़म भी सगे हैं ख़ुशी से भी गहरा नाता है।
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