वो शख्स कोई और था जो करीब था हर पल मेरे
बिन बात मुँह फूलना अब लगता हैं चाहते नहीं बस जानते हैं
तेरे त्यौहार सब मनाये हैं मैंने तोहफे सब खरीद के रक्खे हैं
तेरे रूठ के हटने तक मेरे पास ये तेरी अमानतें हैं
सोचना कितना हम एक दूजे को जानते पहचानते हैं
ये रिश्ता क़ैद है , ये रूठना जैसे जमानतें हैं
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