Thursday, April 3, 2014


बड़े अजीब हैं मेरे दिन मेरे रात 
जागता हूँ तो  ख्वाब शुरू होते हैं 
सो जाऊं तो ज़िन्दगी जाग जाती है
बस कुछ फासले पर खड़ी  नज़र आती हैं खुशियां 
आँख खोलूं तो कैसे भाग जाती हैं  ....   

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