Thursday, August 9, 2012

jhanki

जिनसे मिले उनमे कभी
ज़िन्दगी नहीं मिली
खेल मिले खिल्लियाँ मिली
बंदगी नहीं मिली
कमा के जमा के
 खुद को सजा के
चलती रहीं राजपथ पे
वो झांकियां मिलीं
हाथ मिला के
 न हाथ
न तसल्ली  कभी मिली
झटक के लौट जाये 
वो बेचैनियाँ मिलीं
लौटते हुए किसी ने 
पुकारा नहीं कभी
बस इतना कहा
भूल गए हमें?
सब जानती सी
सब बुझती सी 
नौटंकियां मिलीं
अनजाने नन्हे बच्चे ने
जो पकडे बाल या
उंगली मेरी कभी
लगा ज़िन्दगी कस
के सीने से  मुझे मिली 

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