Friday, September 23, 2011

देह की नाव से
वक़्त की नदी पर
सांस की पतवार से 
मौत के घाट तक
तय किया जो सफ़र
वो जीवन था....
at Tihar with Radio frnz

2 comments:

सुनील सुयाल said...

चंद पंक्तियों में सिमटा ये जीवन, कितना छोटा है ,काश ये इतना ही छोटा हो जाये ,और हम झट से जी ले !!

Geeta said...

These few lines have covered all the length and depth of the whole life !!